आशा की किरण
तीन महीने बीत गए थे और रेन के लिए बहुत कुछ बदल गया था, लेकिन रेस्तोरेंट वैसा ही रहा। यह मित्रपूर्ण वातावरण था और रसोई से आने वाली सुगंध आकर्षक थी। जब रेन खिड़की के पास टेबल पर बैठी, तो रेस्तोरेंट के मालिक ने उसके साथ बैठकर उसे आश्वस्त किया कि वह उसके लिए 30 सालों से हमेशा वहीं रहेगा। यह एक शानदार शाम थी और उसके जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत थी। धीरे-धीरे वह अपने पुराने उल्लासपूर्ण आत्मा में लौट आई और रोज रेस्तोरेंट में जाने लगी।
फोन कॉल
तब रेन को अस्पताल से एक कॉल मिला। यह उसके एक हफ्ते पहले हुए टेस्ट का परिणाम था। उसे क्या उम्मीद करनी चाहिए इसका पता नहीं था और वह बेहद घबराई हुई थी। डॉक्टर ने रेन को बताया कि उसे खून कैंसर है। रेन के दिल को एक चाकू जैसा लगा। उसने पूछा कि यह कितनी गंभीर है और उसे कितना समय बचा है। डॉक्टर ने रेन को बताया कि यह अंतिम चरण में है और उसके पास 6 महीने से 1 साल का समय है।